समाज | 2-मिनट में पढ़ें
महिला-पुरुष दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है!
19 नवंबर 'अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस' (international Men's Day)पर हमारे आसपास मौजूद उन सभी पुरुषों का शुक्रिया जो पग-पग पर मजबूत सहारा बन खड़े रहे, जिन्होंने रोने के लिए कांधा दिया और हंसने की सौ वजहें भी दीं. आप और हम दो हाथों की तरह हैं, एक के ना होने से जीवन भले कट जाए पर अपंगता आ जाती है.
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Men's day पर सुनो, मर्द को दर्द भी होता है!
स्त्रियों को चाहिए कि वे पुरुष को अपनी हर समस्या का 'समाधान केंद्र' न समझें. आपकी समस्याओं और रोज के बुलेटिन में उलझ वे अपना ग़म बांट ही नहीं पाते कभी. दर्द उन्हें भी होता है, डर उन्हें भी लगता है पर आपकी रोज की हाहाकार ने उन्हें सुपरमैन, बैटमैन और चाचा चौधरी बना डाला है.
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